Tuesday, December 25, 2012

मन-मंदिर सा हो जाए

मन मैला है, तन उजला है,
रंग गहरा है, तन निखरा  है,
सब पानी-पानी हो जाए, जिस दिन  तू दिल मैं रह जाए।

पानी सी शीतलता हो, पंखो सी कोमलता हो,
जो आंख बंद सवेरा हो और हलके हलके झूले हो,
जो सुध-बुध खोये बैठे हैं  और भीनी-भीनी खुशबू हो,
उस  दिन तू दिल मैं रह जाए,  मन, मन-मंदिर सा हो जाए।

The Song Of The Sufi Masroof
 

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