मन मैला है, तन उजला है,
रंग गहरा है, तन निखरा है,
सब पानी-पानी हो जाए, जिस दिन तू दिल मैं रह जाए।
पानी सी शीतलता हो, पंखो सी कोमलता हो,
जो आंख बंद सवेरा हो और हलके हलके झूले हो,
जो सुध-बुध खोये बैठे हैं और भीनी-भीनी खुशबू हो,
उस दिन तू दिल मैं रह जाए, मन, मन-मंदिर सा हो जाए।
रंग गहरा है, तन निखरा है,
सब पानी-पानी हो जाए, जिस दिन तू दिल मैं रह जाए।
पानी सी शीतलता हो, पंखो सी कोमलता हो,
जो आंख बंद सवेरा हो और हलके हलके झूले हो,
जो सुध-बुध खोये बैठे हैं और भीनी-भीनी खुशबू हो,
उस दिन तू दिल मैं रह जाए, मन, मन-मंदिर सा हो जाए।
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The Song Of The Sufi Masroof |
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